ऐ हिन्द- ए – ज़मीं मर कर भी हम तुझको ही गले लगाएंगे,
मौत जब आवाज देगी तेरी गोद में ही सर रख सो जाएंगे ।
तू फ़िक्र ना कर तेरे पास रहेंगे तेरी ख़ाक में मिल जाएंगे,
ख़ुशबू बन फूलों में खिलेंगे , खाद बन फसलों में लहराएंगे।
ऐ वतन तेरे शान खातिर सौ जन्म भी कम लगे,
तेरे इश्क़ में पागल हम शहीद जवान फिर से वापिस आयेंगे ।
मौत का हमें डर नहीं जीने की आरज़ू तेरे साथ ,
एक ख़्वाब हमसब ने देखा, हम तिरंगे में लिपटकर आयेंगे ।
भारत तेरी आज़ादी के खातिर जिन वीरों का ख़ून बहा,
गणतंत्र दिवस के मौके पर हम उनकी गाथा गायेंगे ।
ऐ वतन तेरी शान ऊंची, तिरंगा ऊंचा लहराएंगे ,
भारत तू स्वतंत्र है , हम गणतंत्र दिवस मनाएंगे ।।
***आशीष रसीला***
