लगा कर सीने में आग वो धुवां बनकर बहता है ,
गुमशुदा बन उनके ख्यालों दिल कहीं खोया रहता है ।
उसने अपने हाथों से एक पाक रिश्ते को मार डाला,
ये ऐसा कत्ल है, की दिल सुली पर चड़ा रहता है ।
तन्हाइयों से भागता है , उसे ढूंढ़ता है हर जगह ,
दिल मानेना, हर जगह उसकी तलाश में रहता है।
लोग कहते हैं कि ढूंढे तो खुदा मिल जाए ,
कोई बताए की बिछड़ा यार किस गली में रहता है ।
है इतना दर्द की बता नहीं सकता ,
रोए बिना ही आंखों से पानी टपकता रहता है ।।
***आशीष रसीला***
