वो कहे, “या मौला”, मैं कहूं “हे भगवान”,
वो पूजे अली , मैं पूजुं श्री राम।
वो अ से अलिफ़, मैं आ से आम,
वो पढ़े क़ुरान, मैं गीता का ज्ञान ।
वो उसे ख़ुदा कहे , मैं उसे कहूं भगवान,
वो जाए मदीना , मैं घूमु चारो धाम,
वो आदाब करे, मेरा हाथ जोड़ प्रणाम,
वो अस्सलाम वालेकुम, मैं कहूं राम राम राम।
वो रखे रोज़ा, मेरा उपवास हनुमान ,
वो ऊर्दू की शौकीन, मैं हिंदी का विद्वान,
वो मुझे हिन्दू कहे, मैं उसे कहूं मुसलमान,
वो मुझे शुभ दिवाली कहे, मैं कहूं, मुबारक हो रमज़ान।।
***आशीष रसीला***

बहुत सुन्दर👌
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Shukirya ji
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Beautiful
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