सोचता हूं दिल के घर में आग लगा कर देखूं,
दिल बगावत करता है, मैं भी बगावत करके देखूं।
वो मेरी हर बात उसको बता देता है,
आज दिल से कोई बात दिल की छुपा कर देखूं।।
***आशीष रसीला***

सोचता हूं दिल के घर में आग लगा कर देखूं,
दिल बगावत करता है, मैं भी बगावत करके देखूं।
वो मेरी हर बात उसको बता देता है,
आज दिल से कोई बात दिल की छुपा कर देखूं।।
***आशीष रसीला***
Waah
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saras che rashile
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