अय आसमां कुछ ज्यादा फ़र्क नहीं है तुझ में और मुझ में।
फ़र्क सिर्फ़ इतना है,
की तू मुझे सर झुका कर देखता है,
और मैं तुझे सर उठा कर देखता हूं ।।
***आशीष रसीला***
अय आसमां कुछ ज्यादा फ़र्क नहीं है तुझ में और मुझ में।
फ़र्क सिर्फ़ इतना है,
की तू मुझे सर झुका कर देखता है,
और मैं तुझे सर उठा कर देखता हूं ।।
***आशीष रसीला***