अपने दिल को हमने कब्रिस्तान बना रखा है,
मुहब्बत के रिश्तों को एक कोने में दफना रखा है।
तुमको एक जगह कब्र हमारी भी मिल जाएगी,
मैंने जीते जी ज़िंदगी को श्मशान बना रखा है।।
***आशीष रसीला***

अपने दिल को हमने कब्रिस्तान बना रखा है,
मुहब्बत के रिश्तों को एक कोने में दफना रखा है।
तुमको एक जगह कब्र हमारी भी मिल जाएगी,
मैंने जीते जी ज़िंदगी को श्मशान बना रखा है।।
***आशीष रसीला***
ना ना वहीं तो हरियाली है ।
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