अर्ज़ किया है,
——————
आसमां बुलंदी पर है तो ये जमीं इतनी नीचे क्यूं है ?
ज़मीं को मां माना है मैंने, तो ये मेरे कदमों में क्यूं है ?
कुदरत खुद को नहीं काटती, ये किसने कहा?
फिर ये आंधियां इन पेड़ों को गिराती क्यूं है ?
***आशीष रसीला***

अर्ज़ किया है,
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आसमां बुलंदी पर है तो ये जमीं इतनी नीचे क्यूं है ?
ज़मीं को मां माना है मैंने, तो ये मेरे कदमों में क्यूं है ?
कुदरत खुद को नहीं काटती, ये किसने कहा?
फिर ये आंधियां इन पेड़ों को गिराती क्यूं है ?
***आशीष रसीला***
Very nyc
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