काश कि कुछ ऐसा हो जाए,
तुमको भी मेरी तरह मुझ से मुहब्बत हो जाए,
मैं हर रोज रूठूं तुमसे बेवजह ही,
तुमको मुझे मनाने की आदत हो जाए।
मेरा दिल जिस तरह से तड़पता है तेरी चाहत के लिए,
तुझे भी किसी ओर को चाहने वाले से मुहब्बत हो जाए।
बहुत बातें बनाती हो तुम दिल बहलाने के लिए,
खुदा करे तेरी एक शायर से मुलाकात हो जाए।
***आशीष रसीला***

A Beautiful piece of writing🥰
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